खूनी बवासीर में परहेज (Avoidance in bleeding piles)

खूनी बवासीर (Bleeding piles) को अंदरूनी बवासीर के नाम से भी जाना जाता हैं। आज के इस लेख में हम खूनी बवासीर में परहेज के बारे में विस्तार से जानेगें। बवासीर दो प्रकार की होती है। बवासीर (Piles) एक बहुत तकलीफदेह रोग है। इस रोग के कारण लोगो का चलना–फिरना और उठना–बैठना तक मुश्किल हो जाता है। अगर इस रोग का इलाज समय पर किया जाए तो इसे आसानी से दूर किया जा सकता है। बवासीर (Piles) का रोग ज्यादा पुराना होने पर भगन्दर (Fistula) का रूप ले लेता हैं। खूनी बवासीर में परहेज जानने से पहले खूनी बवासीर के बारे में जानना बहुत जरूरी है।

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खूनी बवासीर क्या है (What is bleeding piles)

Bleeding piles में दर्द‚ जलन और सूजन की समस्या कम रोगियों में पायी जाती है। इसमें ज्‍यादातर रोगियो को मलत्याग के समय खून आता है। खूनी बवासीर में शौच के समय या बाद में खून आता है। ज्‍यादा पुरानी हो जाने पर काफी मात्रा में खून आने लगता है। खूनी बवासीर में गुदाद्‍वार के अन्‍दर गुदानलिका में मस्‍से बन जाते हैं। जब रोगी के पेट में क्‍ब्‍ज हो जाता है तो उसका मल सूख कर कठोर हो जाता है‚ जिसके कारण वह मल शौच के समय गुदानलिका में मौजूद मस्‍सों से रगड़ता है तब ये मस्‍से कट और फट जाते हैं। मस्‍सों के कटने और फटने के कारण रोगी को खून आने लगता है। ज्‍यादा पुरानी हो जाने पर ये मस्‍से किसी–किसी मरीज की गुदा के बाहर आने लगते हैं और दर्द‚ जलन और सूजन की शिकायत भी होने लगती है। खूनी बवासीर में परहेज जानने से पहले इसके लक्षणों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है–

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खूनी बवासीर होने के लक्षण (Symptoms of bleeding piles)

खूनी बवासीर (Bleeding piles) होने के कई लक्षण हो सकते है जैसे–

  • मलत्याग के समय या बाद में खून आना।
  • शरीर का वजन कम होना।
  • गुदा क्षेत्र में दर्द‚ जलन और सूजन का होना।
  • पेट दर्द होना और बुखार का आना।
  • खून की कमी हो जाना और चक्कर आना।
  • गुदा क्षेत्र में खुजली होना।
  • गुदा क्षेत्र में गांठ या सूजन का महसूस होना।

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खूनी बवासीर होने के कारण (Due to bloody piles)

खूनी बवासीर (Bleeding piles) होने के कई कारण हो सकते है। लेकिन इसका मुख्य कारण पानी का कम पीना है इसके अलावा इसके कई कारण हो सकते है जैसे–

  • कब्ज के कारण खूनी बवासीर की समस्या हो जाती है।
  • अधिक मोटापे के कारण
  • कम फाइबर वाला आहार लेने से
  • मल त्याग के समय अधिक जोर लगाना।
  • अधिक समय तक बैठे या खड़े रहना।
  • महिलाओं में गर्भावस्था के समय भ्रूण का वजन बढ़ने के कारण।
  • असंयमित दिनचर्या और असंतुलित भोजन के कारण।
  • अवसाद के कारण।

खूनी बवासीर में परहेज (Avoidance in Bleeding piles)

खूनी बवासीर (Bleeding piles) के रोगी को अच्छी तरह से यह जानकारी नहीं होती है,कि वह खूनी बवासीर में क्या खाये और खूनी बवासीर में परहेज क्या करे। आइये जानते हैं,कि खूनी बवासीर के रोगी को खूनी बवासीर में परहेज क्या करने चाहिए–

  • Bleeding piles में तैलीय और मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • खूनी बवासीर (Bleeding piles) होने पर चाय और कॉफी का प्रयोग न करें।
  • खूनी बवासीर में मासाहारी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • खूनी बवासीर (Bleeding piles) होने पर डेयरी उत्पाद का सेवन न करें।
  • खूनी बवासीर की समस्या होने पर सिगरेट, गुटखा और शराब का सेवन न करें।
  • Bleeding piles का रोग होने पर डीप–फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें

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खूनी बवासीर में परहेज न करने से नुकसान (Harm due to not abstinence in Bleeding piles)

Bleeding piles के रोगी को कुछ ऐसे भोज्य पदार्थों के बारे में जानकारी नहीं होती है जिनको खाने से खूनी बवासीर में बहुत ज्यादा परेशानी बढ़ जाती है। आइये जानते हैं, कि ऐसे कौन भोज्य पदार्थ हैं जो खूनी बवासीर में नुकसान करते हैं–

खूनी बवासीर में तैलीय और मसालेदार भोजन करने से नुकसान (Do not consume oily and spicy food)

खूनी बवासीर (Bleeding piles) की समस्या होने पर तैलीय और मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। तैलीय और मसालेदार भोजन भारी होता है जिसके कारण कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। कब्ज होने के कारण मलत्याग के समय दर्द और ब्लीडिंग की समस्या बढ़ जाती हैं। इसलिए तैलीय और मसालेदा भोजन से दूरी बनाये रखनी चाहिए।

खूनी बवासीर में फलों का सेवन से नुकसान (Do not eat half ripe fruits)

फलों का सेवन करना खूनी बवासीर में अच्छा माना जाता है, लेकिन आधे पके हुए फलों का सवने करने से कब्ज की समस्या हो सकती है। कब्ज होने पर मल कठोर हो जाता है, जिसके कारण खूनी बवासीर में खून आने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए खूनी बवासीर के रोगी को आधे पके हुए फलों का सेवन नहीं करना चाहिए।

खूनी बवासीर में चाय और कॉफी के प्रयोग से नुकसान (Tea and coffee should not be consumed)

Bleeding piles की समस्या होने पर चाय और कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए। चाय कॉफी में बड़ी मात्रा में कैफीन होता है जो बवासीर की परेशानी को अधिक बढ़ा सकता है। इसका सेवन करने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसके कारण मल कठोर हो जाता है। मल कठोर होने के कारण खूनी बवासीर रोग बढ़ जाता है।

सफेद ब्रेड का सेवन करने से खूनी बवासीर में नुकसान (Do not eat white btead)

खूनी बवासीर (Bleeding piles) होने पर सफेद ब्रेड का सेवन नहीं करना चाहिए। सफेद ब्रेड मैदे से बनी होती है और मैदा बहुत भारी होती है जिसको पचाने में काफी परेशानी होती है और पाचनतंत्र बिगड़ जाता है। पाचनतंत्र खराब होने से कब्ज बढ़ जाता है और कब्ज बढ़ने के कारण खूनी बवासीर में बहुत ज्यादा तकलीफ होती है। यदि आप को खूनी बवासीर का रोग है, तो नाश्ते में सफेद ब्रेड का सेवन करना बंद कर देना चाहिए।

डेयरी उत्पाद का सेवन करने से खूनी बवासीर में नुकसान (Stay away from dairy products)

Bleeding piles की समस्या होने पर डेयरी उत्पादो से दूरी बनाये रखनी चाहिए। क्योकि डेयरी उत्पादों का सेवन करने से पेट में गैस और कब्ज जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। कब्ज होने पर बवासीर का रोग और पीड़ादायक हो जाता है। इसलिए बवासीर होने पर डेयरी उत्पादो से दूरी बनाना बहुत जरूरी होता है।

शराब, सिगरेट और गुटखा का सेवन करने से खूनी बवासीर में नुकसान (Do not consume cigarettes, gutkha and alcohol)

शराब, सिगरेट और गुटखा का सेवन करना शरीर के लिए हानिकारक है। इसका प्रयोग करने से कब्ज की शिकायत बढ़ सकती है। इसलिए खूनी बवासीर (Bleeding piles) के रोगी को शराब, सिगरेट और गुटखा का सेवन तुरन्त बन्द कर देना चाहिए।

डीप–फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने खूनी बवासीर में नुकसान (Do not consume deep-fried and processed food items)

Bleeding piles की समस्या होने पर डीप–फ्राइड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ जैसे– फास्ट फूड, फ्रोजन फूड, समोसा और मोमोज इत्यादि का सेवन नही करना चाहिए। इसके अलावा अधिक नमक वाला और बासी भोजन का भी सेवन नही करना चाहिए। क्योकि ऐसे खाद्य पदार्थ पाचन के लिए अनहेल्दी होते है। इनका सेवन करने से कब्ज की समस्या हो सकती हैं। कब्ज के कारण खूनी बवासीर में अधिक ब्लड आने लगता है।

खूनी बवासीर का इलाज (Bleeding piles treatment)

खूनी बवासीर के मरीजों को कभी भी घरेलू उपचार नहीं करना चाहिये। घरेलू उपचार करने से कभी–कभी खूनी बवासीर में काफी परेशानी बढ़ जाती है। खूनी बवासीर में रोगी के एनल कैनॉल में मस्से हो जाते हैं‚ जिसमें मल की रगड़ लगने से शौच करते समय या बाद में खून आने लगता है। खूनी बवासीर में मरीजों को ऐसी आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग करना चाहिये जो मस्सों को सूखा सकें। बाजार में ऐसी कुछ चुनिन्दा दवायें उपलब्ध हैं जो बवासीर के मस्सों को सुखा कर खत्म कर देतीं है। एक बार जब बवासीर के मस्से सूख जाते हैं तो बवासीर ठीक हो जाती है।

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निष्कर्ष

इस लेख को पढ़कर आपने खूनी बवासीर में परहेज के बारे में जाना होगा। इसके अलावा खूनी बवासीर के लक्षण और कारण के बारे में भी जानकारी मिली होगी। खूनी बवासीर के मस्से एनल कैनाल के अन्दर होते है। खूनी बवासीर (Bleeding piles) की समस्या को दूर करने के लिए अच्छी आयुर्वेदिक मस्से सुखाने वाली दवा का प्रयोग करना चाहिए। इन दवाओ को बाजार या ऑनलाइन दोनो तहर से खरीदा जा सकता है।

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लोगो द्वारा पूछें जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर

खूनी बवासीर क्यों होता है

खूनी बवासीर होने के कई कारण हो सकते है जैसे कम पानी पीना, मल त्याग के सयम अधिक जोर लगाना, कब्ज की समस्या होने के कारण और लम्बे समय तक बैठे या खड़े रहने के कारण।

क्या खूनी बवासीर ठीक हो सकती है

जी हां, खूनी बवासीर ठीक हो सकती है। इसे ठीक करने के लिए अच्छी आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करना चाहिए।

क्या खूनी बवासीर होने पर मांसाहारी भोजन का सेवन करना चाहिए ॽ

मांसाहारी भोजन गरिष्ठ होता है जिसका सेवन करने से खूनी बवासीर की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए खूनी बवासीर का रोग होने पर मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए।

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सन्दर्भ :

Zhifei Sun, MD1 and John Migaly, MD1 : Review of Hemorrhoid Disease: Presentation and Management

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