नीम से बवासीर का उपचार कैसे करें (How to treat piles with neem)

नीम से बवासीर का उपचार कैसे करें : बवासीर बहुत अधिक पीड़ा देने वाला रोग है, इस रोग के कारण लोगों को कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है। शुरूआती पाइल्स (बवासीर) को दूर करने के लिए नीम का उपयोग किया जा सकता है। नीम के उपयोग से पाइल्स में होने वाले मस्सों को भी दूर किया जा सकता है। नीम को आयुर्वेद में एक औषधि के रूप में भी जाना जाता है, इसके प्रयोग से कई रोगों में राहत मिलती है। आइये जानते है कि नीम से बवासीर का उपचार कैसे करें (How to treat piles with neem) तो, इस लेख को पूरा पढ़ें लेकिन नीम से बवासीर के इलाज के बारे में जानने से पहले बवासीर के बारे में जानना बहुत जरूरी है।

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बवासीर क्या है (What is piles)

बवासीर को अंग्रेजी में पाइल्स, हेमोरॉइड्स के नाम से जाना जाता है। यह गुदा (Anus) से जुड़ा एक रोग है। इस रोग में गुदा नलिका के अंदर मस्‍से बन जाते हैं। जब रोगी मल त्‍यागता है तो वह मल मस्‍सों से रगड़ कर आता है‚ जिसके कारण मस्‍सों में और गुदाद्‍वारा के आस–पास सूजन आ जाती है। बवासीर के यह मस्से कभी गुदा के अन्दर रहते हैं तो कभी गुदा द्वार के बाहर आ जाते हैं। इस रोग का उपचार सही समय पर करना चाहिए, क्योकि आगे चलकर यह रोग बहुत अधिक दर्दनाक हो जाता है और अधिक पुराना होने पर यह भगन्दर का रूप ले लेता है।

बवासीर के प्रकार

बवासीर मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है–

बादी बवासीर और खूनी बवासीर

बादी बवासीर– बादी बवासीर में एनल कैनॉल में मस्‍से बन जाते है। रोगी जब सुबह फ्रेश होने जाता है तो मल की रगड़ से मस्‍सों में सूजन आ जाती है‚जिसके कारण रोगी को दर्द‚ जलन‚ सूजन के साथ– साथ खुजली की समस्‍या भी होती है।

खूनी बवासीर– इसमें भी एनल कैनॉल में मस्‍से बन जाते है लेकिन इसमें दर्द और सूजन की समस्‍या कम होती है। रोगी जब मल त्‍यागने जाता है तो मल मस्‍सों से रगड़ता है जिसके कारण ये मस्‍से कट–फट जाते हैं जिसके कारण इसमें शौच के समय या बाद में खून आने लगता है।

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बवासीर के लक्षण (Symptoms of piles)

बवासीर होने के कई लक्षण हो सकते हैं‚ जैसे –

  • गुदा द्‍वार के आस –पास खुजली और जलन का होना।
  • मलत्याग के समय दर्द होना।
  • मल के साथ या बाद में रक्त का आना।
  • गुदा क्षेत्र में सूजन आना और दर्दनाक गांठ का बनना।

नीम से बवासीर का उपचार कैसे करें (How to treat piles with neem)

चलिए अब जानते हैं कि नीम से बवासीर का उपचार कैसे करें–

नीम के द्वारा पाइल्स का उपचार कई तरह से कर सकते हैं। नीम के पौधे के कई भागों को इलाज के लिए उपयोग में लाया जाता है। जो निम्न है–

नीम तेल के उपयोग से पाइल्स की समस्या में राहत (Use of Neem oil helps in getting rid of piles problem)

नीम तेल के उपयोग से बवासीर की समस्या में राहत पायी जा सकती है। इसमें एंटी–इन्फ्लामेट्री, एंटी–फंगल और एंटी–बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, जो बवासीर के कारण होने वाले मस्सों को सुखाने में मदद करते हैं। इसे रुई की सहायता से बवासीर से प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं। इसके उपयोग से सूजन भी दूर होती है।

नीम के पत्तों और फूलों के उपयोग से पाइल्स की समस्या में राहत (Use of neem leaves and flowers helps in getting rid of piles problem)

नीम के फूलों और पत्तों के उपयोग से बवासीर की समस्या में राहत पायी सकती जा है। इसके फूलों और पत्तों से एक लेप बना लें। इस लेप को बवासीर से प्रभावित जगह पर लगाने से इस रोग के कारण होने वाले मस्से दूर हो सकते हैं।

नीम के पत्तों के रस के उपयोग से बवासीर की समस्या में लाभ (Benefits of using Neem leaves juice in piles problem)

नीम एक बहुत ही उपयोगी पेड़ है इसका उपयोग कई तरह से किया जाता है। बवासीर की समस्या को दूर करने के लिए इसके पत्तों का रस काफी फायदेमंद होता है। इसका प्रयोग करने के लिए नीम के हरे पत्तों को कूटकर रस निकाल लेना चाहिए। निकले हुए रस को बाहर निकले हुए मस्सों पर लगाना चाहिए।

एलोवेरा और नीम के उपयोग से बवासीर के रोग में फायदा (Use of aloe vera and neem is beneficial in piles disease)

नीम और एलोवोर के पेस्ट का उपयोग करने से पाइल्स की समस्या में राहत पायी जा सकती है। इन दोनों में एंटी–इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते है, जो सूजन को कम करने में सहायता कर सकते है। इसका पेस्‍ट बनाने के लिये एक चम्मच नीम के पत्तों के पेस्‍ट में एलोवेरा जेल मिला लें, फिर इस पेस्‍ट को बवासीर से प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।

नीम चूर्ण से पाइल्स की समस्या में राहत (Benefits of Neem powder in piles problem)

इसके उयोग से बवासीर की समस्या में लाभ पाया जा सकता है। नीम के पत्तों को सुखाकर पाउडर बना लें, फिर इस पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी में डालकर सुबह खाली पेट सेवन करें। इसका प्रयोग नियमानुसार दो सप्ताह तक करें। इससे पाइल्स की समस्या में राहत मिलती है।

नीम क्रीम के प्रयोग से पाइल्स की समस्या में लाभ (Benefits of using Neem cream in piles problem)

नीम क्रीम के उपयोग से बवासीर की समस्या में राहत पायी जा सकती है। इसके प्रयोग से पाइल्स में होने वाले मस्से धीरे–धीरे खत्म हो सकते हैं।

नीम के रस से बवासीर में राहत (Treats piles with neem juice)

बादी बवासीर की समस्या में नीम के रस का उपयोग करने से लाभ होता है। इसके हरे पत्तों को कूट कर या पीस कर उनसे रस निकाल लेना चाहिये। इस रस को बवासीर से प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से सूजन और जलन में काफी फायदा मिलता है।

नारियल के तेल और नीम के पत्तों के उपयोग से पाइल्स की समस्या में लाभ (Benefits of using coconut oil and neem leaves in piles problem)

नारियल के तेल और नीम के पत्तों से बने पेस्ट को लगाने से बवासीर के कारण होने वाले दर्द और जलन को कम करने में सहायता मिलती है। नीम की पत्तियों में जीवाणुरोधी और एंटी–इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते है, जिनके कारण सूजन, खुजली और संक्रमण को कम करने मदद मिल सकती है।

नीम के फल से बवासीर की समस्या में राहत (Benefits of neem fruits in piles problem)

पके हुए नीम के फल को छाया में सुखाकर पीस लें और फिर इस पीसे हुए पाउडर की पांच ग्राम मात्रा प्रतिदिन सुबह हल्‍के गरम के साथ लें। इसको सेवन करने से पाइल्स की समस्या को ठीक करने में मदद मिल सकती है।

नीम की चाय से पाइल्स में राहत (Benefits of neem tea for piles)

नीम की चाय का सेवन करने से पाइल्स की समस्या में राहत मिल सकती है। एक गिलास पानी में 5 से 6 नीम के पत्तों को डालकर उबालें और फिर थोड़ी देर बाद इस पानी को छान लें। छानने के बाद इसमें एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें।

निष्कर्ष

आपने इस लेख को पड़ कर यह जाना होगा कि नीम से बवासीर का उपचार कैसे करें नीम से बवासीर का उपचार कैसे करें । वैसे तो यह एक घरेलू उपाय है जो कभी– कभी कुछ समय तक के लिये आराम तो दिलाता है लेकिन बवासीर को जड़ से खत्‍म नहीं करता है। बवासीर में मस्‍से हो जाते हैं जिनको खत्‍म करने के लिये रोगी को किसी ऐसी दवा का प्रयोग करना चाहिये जो कि मस्‍सों को सुखाती हो। बाजार में कुछ ऐसी आयुर्वेदिक दवायें मौजूद हैं जो मस्‍सों को सुखाने का कार्य करती हैं।

इसे पढ़ें– बवासीर के मस्सों को सुखाने की दस सबसे अच्छी दवायें

लोगों द्वरा पूछें जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर

क्या गर्भवती महिलाएं नीम का सेवन कर सकती है ॽ

जी नहीं, गर्भवती महिमलाएं नीम का सेवन नहीं कर सकती है, क्योकि नीम गर्भपात का कारण बन सकता है।

बवासीर की समस्या को दूर करने के लिए नीम का उपयोग किस प्रकार करें ॽ

नीम की पकी हुर्इ निबौली के रस में गुड़ (6 ग्राम) मिलाकर सात दिन तक सेवन करने से बवासीर की समस्या दूर होती है।

क्या नीम के तेल से बवासीर की समस्या में राहत पायी जा सकती है ॽ

नीम के तेल के उपयोग से पाइल्स में राहत पायी जा सकती है। नीम के तेल को सूती कपड़े की मदद से बवासीर में होने वाले मस्सों पर लगाने से लाभ होता है।

क्या नीम से पाइल्स का उपचार किया जा सकता है ॽ

बवासीर की शुरुआती अवस्था को नीम के उपयोग से दूर किया जा सकता है।

क्या नीम के बीज और पत्तों के उपयोग से पाइल्स की समस्या में राहत पायी जा सकती है ॽ

नीम के पत्तों और बीजों के उपयोग से बवासीर की समस्या में राहत पायी जा सकती है। नीम के बीज और पत्तों को आपस मिलाकर एक लेप बना ले, इस लेप को बवासीर से प्रभावि क्षेत्र पर लगाने से राहत मिलती है।

क्या नीम चूर्ण का उपयोग करने से बवासीर की समस्या में राहत मिलती है ॽ

नीम के पेड़ में कई औषधीय गुण पाए जाते है। इसका उपयोग करने से पाइल्स की समस्या में लाभ होता है। इसे पत्तों को सुखाकर बारीक पी ले। फिर इस पाउडर को एक गिलास गुनगुने जल में डालकर सेवन करें। इसका प्रयोग नियमानुसार दो सप्ताह तक करे। इससे पाइल्स की समस्या में राहत मिलती है।

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संदर्भ :

Mohammad A. Alzohairy : Therapeutics Role of Azadirachta indica (Neem) and Their Active Constituents in Diseases Prevention and Treatment

Foram P. Joshi : Krimighna (anthelmintic) role of Neem Oil (medicated oil of Azadirachta indica Linn.) and adjuvant Ayurvedic therapies in the management of anal myiasis: A case report

I.V.Srinivasa Reddy : Professor Jayashankar, Telangana State : Neem (Azadirachta indica): A Review on Medicinal Kalpavriksha

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