महिला बवासीर के लक्षण क्या हैं (Symptoms of Female piles)

महिला बवासीर के लक्षण (Symptoms of Female piles) क्‍या है और कौन–कौन से है इन सब को लेकर अलग अलग मत है। आजकल बवासीर की बीमारी से महिला और पुरूष दोनों समान रूप से परेशान है। बवासीर एक भयानक दर्द देने वाली बीमारी है। इस रोग में लोगों का चलना-फिरना, उठना- बैठना तक मुश्किल हो जाता है। चाहे महिला हो या पुरूष किसी की भी असामान्‍य दैनिक दिनचर्या और असंतुलित और असमय से भोजन करने के कारण पेट में कब्‍ज हो जाता है जिसके कारण पुरूषों और महिलाओं में बवासीर का रोग हो जाता है। महिलाओं में इन सब कारणों के अलावा एक अन्‍य कारण भी है जिसके कारण उन्‍हे अक्‍सर पाईल्‍स की शिकायत हो जाती है। सही समय पर आयुर्वेदिक दवाओं के द्‍वारा इलाज करने से बवासीर ठीक भी हो जाती है। महिलाओं में बवासीर क्‍यों हो जाती है और महिला बवासीर के लक्षण (Symptoms of Female piles) क्‍या है यदि आप जानना चाहते हो तो इस लेख को अन्त तक जरूर पढ़ें।

बवासीर क्या हैॽ

बवासीर को पाइल्स, हेमोरोइड्स और मूलव्याधि के अलावा अर्श के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग के कारण लोगों को बहुत तकलीफ सहनी पड़ती है। बवासीर में गुदा क्षेत्र की नसों पर कब्ज या अन्य किसी कारणों से दबाव या खिंचवा पड़ने से नसें सूज कर फूल जाती हैं, जिसके कारण गुदा नलिका के अंदर की नसों में गुदाद्‍वार की ओर मस्से बन जाते हैं। गुदा नलिका में बने मस्‍सों के कारण् ही इसको बवासीर के नाम से जाना जाता है।


बवासीर दो प्रकार की होती है।

  • आंतरिक बवासीर
  • बाहरी बवासीर।


बाहरी बवासीर- बाहरी बवासीर में मस्‍से गुदा के बाहर की ओर निकले हुये रहते हैं जिन्‍हें आसानी से देखा जा सकता है। इसके कारण गुदा द्‍वार के आस–पास दर्द‚ जलन और सूजन होती है। जो मरीज को काफी तकलीफ देता है।

आंतरिक बवासीर- आंतरिक बवासीर में भी मस्‍से होते है जो गुदा नलिका यानि एनल कैनॉल के अन्‍दर होते है‚ जिन्‍हे मरीज देख नहीं सकता है। आंतरिक बवासीर में रक्त बहने की सम्भावना अधिक होती है। ज्‍यादा पुरानी बवासीर हो जाने पर स्थिति काफी गंभीर हो जाती है।

महिला बवासीर के लक्षण (Symptoms of Female piles)

महिलाओं में आमतौर पर बवासीर के वही लक्षण होते हैं तो जो पुरूषों में पाये जाते हैं। लेकिन महिलाओं को बवासीर होने के कुछ लक्षण और कारण अलग भी होते है। आइये जानते है कि महिला बवासीर के लक्षण (Symptoms of Female piles) क्‍या हैं –

  • इस रोग में गुदा क्षेत्र में तेल जलन और खुजली होती है।
  • रोगी को बार-बार मल त्यागने की इच्छा होना।
  • मलत्याग के समय जलन होना और रक्त का आना।
  • गुदा के ओर पास दर्द का होना और कभी-कभी असहनीय दर्द का होना।
  • गुदा के आस पास सूजन आना और सख्त गांठ का बनना।
  • पाइल्स (बवासीर) के रोगी को मलत्याग के समय बहुत अधिक पीड़ा सहन करनी पड़ती है।
  • इस रोग में गुदा से बलगम या म्‍यूकस जैसा तरल पदार्थ निकल सकता है।

बवासीर रोग के कारण

ज्‍यादातर महिलाओं और पुरूषों में बवासीर के कारण एक जैसे ही होते है‚ लेकिन शारीरिक संरचना और बनावट के कारण महिलाओं में कुछ कारण अलग होते हैं, तो चलिए महिलाओं में बवासीर होने के कारण जानते है।

फाइबर युक्त आहार का सेवन न करने के कारण

मानव शरीर में कई रोग हमारे गलत खान पान के कारण हो जाते हैं, और यदि फाइबर युक्त भोजन न किया जाए तो कब्‍ज होने की शिकायत हो जाती है जो कि पाइल्स होने का मुख्य कारण है। इसलिए अपने भोजन में फाइबर युक्त आहार को शामिल करना बहुत आवश्यक है।

प्रसव क्रिया के बाद

महिलाओं को प्रसव क्रिया के बाद पाइल्स (बवासीर) होने की सम्भावना बढ़ जाती है। प्रसव क्रिया के दौरान गुदा क्षेत्र पर अधिक दबाव पड़ता है इसलिये कुछ महिलाओं को प्रसव क्रिया के बाद पाइल्स की समस्या हो जाती है।

कब्ज की समस्या के कारण

चटपटा और तीखा भोजन करने से कब्‍ज की शिकायत होने लगती है। पाइल्स होने का सबसे बड़ा कारण कब्ज है। कब्ज में मल कठोर हो जाता है, जिसके कारण मलत्याग के समय अधिक जोर लगाना पड़ता है, जिसकी वजह से मलाशय और गुदा की नसों पर अधिक दबाव पड़ता है। इस दबाव के कारण नसों की शिराओं में सूजन आ जाती है और इन्‍ही शिराओं में मस्‍से बन जाते है जिसके कारण बवासीर हो जाती है।

शराब और धूम्रपान का सेवन करने के कारण

धूम्रपान और शराब का सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से पाइल्स की समस्या हो सकती है। इसके सेवन से पाइल्स के अलावा और भी रोग हो सकते है।

मोटापे के कारण

मोटापा भी इस रोग का एक प्रमुख कारण है। ज्यादा मोटी महिलाओं को बवासीर होने का कारण खतरा बना रहता है। इसलिये महिलाओं को मोटापे पर एक्सरसाइज या किसी अन्‍य विधि से नियन्‍त्रण रखना चाहिये।

देर तक खड़े रहने के कारण

जिन महिलाओं को लम्बे समय तक खड़े रहकर काम करना पड़ता है, उनमें भी यह समस्या देखी जाती है। महिलाओं में बवासीर होने का यह भी एक कारण होता है।

भारी वजन उठाने के कारण

ज्यादा भारी वजन उठाने के कारण भी पाइल्स (बवासीर) की समस्या हो सकती है, यदि आप भी भारी वजन उठाने का कार्य करती है, तो सावधानी से करें।

कम शरीरिक गतिविधि के कारण

जो महिलाएं ज्यादातर बैठी रहती है और शरीरिक गतिविधि कम करती हैं। ऐसी महिलाओं में पाइल्स होने का खतरा बड़ जाता है।

अवसाद से पीड़ित होने के कारण

जो महिलाएं अवसाद से पीड़त होती है, उन्हें भी पाइल्स होने का खतरा बड़ जाता है। इसलिए अधिक तनाव लेने से बचें और अवसाद को खत्म करने के लिए योग का अभ्यास किया जा सकता है।

एनल सेक्‍स करने के कारण

कुछ पुरूष वासना से वशीभूत होकर या गलत साहित्‍य पढ़कर अपनी महिला मित्र या पत्‍नी के साथ अक्‍सर गुदा सेक्‍स करते हैं। इसलिये गुदा सेक्‍स के कारण भी महिलाओं में बवासीर होने की शिकायत बढ़ जाती है।

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बवासीर की समस्या में कुछ प्रकार की सावधानियां बरतने और घरेलू उपचार करने से बवासीर में होने वाले दर्द और जलन में कुछ समय के लिये आराम मिल जाता है‚ लेकिन बवासीर को पूर्णतः ठीक करने के लिये मरीज को बवासीर की दवा का ही प्रयोग करना चाहिये। बवासीर के दर्द और जलन से राहत पाने के लिये पीडि़त महिलायें कुछ घरेलू उपचार कर सकती हैं जो निम्‍न है–

10-15 मिनट तक आइस पैक का प्रयोग करने से बवासीर के दर्द में राहत मिलती है।
पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें। पानी टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर कर देता है, जिससे रोग को कम करने में मदद मिलती है।
दिन में कई बार गुनगुने जल में बैठने से बवासीर में होने वाले दर्द और खुजली राहत मिलती है।

बवासीर (पाइल्स) का इलाज कैसे किया जा सकता है।

बवासीर (पाइल्स) में एनल कैनॉल (गुदा नलिका) की नसों की शिराओं में मस्‍से बन जाते हैं‚ जिसके कारण ही बादी बवासीर और खूनी बवासीर हो जाती है। बवासीर का इलाज दो तरह से किया जाता है।

आयुर्वेदिक एवं एलोपैथिक दवाओं से – बवासीर के लक्षण दिखने पर इलाज घर पर रह कर ही आयुर्वेदिक दवाओं से भी किया जा सकता है। आजकल बाजार में ऐसी बहुत सी दवायें उपलब्‍ध जो दोनो तरह की बवासीर को ठीक कर सकती हैं। बवासीर की दवा खरीदते समय यह चयन करना चाहिये कि वह बवासीर के मस्‍सों को सुखा सके। यदि बवासीर के मस्‍से सूख जाते हैं तो बवासीर ठीक हो जाती है।

ऑपरेशन के द्‍वारा– ज्‍यादातर एलौपैथिक डॉक्‍टर बवासीर में आपरेशन करने की सलाह देते हैं। ऑपरेशन के द्‍वारा भी एनल कैनॉल के अन्‍दर के मस्‍सों की सर्जरी कर हटाया जाता है। सर्जरी के लिये अच्‍छे डॉक्‍टर का चयन करना चाहिये। 50 प्रतिशत मरीजों में देखा गया है कि ऑपरेशन कराने के बाद कुछ समय बाद फिर से बवासीर की शिकायत हो जाती है। इसलिये बवासीर का ऑपरेशन पूर्णरूप से प्रभावी नहीं है।

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निष्कर्ष

आपने इस लेख को पढ़कर महिला बवासीर के लक्षण, कारण और इन्हें दूर करने के बारे में जाना होगा। यदि किसी महिला को किसी भी प्रकार की बवासीर की शिकायत है तो तत्‍काल उसे अच्‍छी आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करना चाहिये। दवा बाजार में कुछ ऐसी अच्‍छी दवायें मौजूद है जो बवासीर के मस्‍सों को सुखाकर बवासीर की बीमारी को ठीक कर सकतीं है।

लोगों द्वारा पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर।

महिलाओं में बवासीर किस उम्र में हो सकता हैॽ

बवासीर की समस्या युवाओं और बच्चों को भी हो जाती है। 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह रोग होना आम बात है। ज्‍यादातर 35 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को यह समस्या हो जाती है।

क्या गर्भवती महिलाओं के लिए सर्जरी करवाना सुरक्षित हैॽ

गर्भवती महिलाओं के लिए यह प्रक्रिया उत्तम नहीं मानी जाती है, क्योकि बवासीर के ऑपरेशन में बेहोशी की दवा का उपयोग किया जाता है, जिसके कारण कुछ समस्‍यायें पैदा हो सकती है।

क्या फाइबर युक्त भोजन का सेवन करने से बवासीर में लाभ होता हैॽ

जी हां, जिन लोगों को कब्ज की समस्या होती है। फाइबर युक्‍त भोजन करने के साथ ही फलों और अंकुरित अनाज का सेवन भी करना चाहिये। इससे मल नरम रहेगा जो बवासीर में काफी लाभ देगा।

क्या गर्भावस्था के समय बवासीर हो सकता हैॽ

जी हां, गर्भावस्था के समय बवासीर हो सकता है। गर्भावस्था के समय भ्रूण का बजन बढ़ता है जिसके कारण कब्‍ज की शिकायत हो जाती है। कब्‍ज के कारण पाइल्स होने का खतरा रहता है।

क्या स्त्री रोग विशेषज्ञ बवासीर का इलाज कर सकते हैॽ

स्त्री रोग विशेषज्ञ पाइल्स का इलाज कर सकते हैं, लेकिन इस रोग को दूर करने के लिए प्रोक्टोलॉजिस् (गुदा रोग विशेषज्ञ) से संपर्क करना ज्यादा बेहतर माना जाता है। गुदा रोग रोग विशेषज्ञ इस समस्या का सही इलाज खोजने में आपकी सहायता कर सकते हैं।

क्या अधिक भार उठाने से बवासीर की समस्या हो सकती हैॽ

जब व्यक्ति ज्यादा भार उठाता है, तो इसका पूरा भार उसके मलाशय पर पड़ता है। जिसके कारण व्यक्ति को बवासीर जैसे रोग हो सकता है।

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सन्दर्भ :

PLoS One. 2021; 16(4): e0249736. Published online 2021 Apr 20 : Prevalence and associated factors of hemorrhoids among adult patients visiting the surgical outpatient department in the University of Gondar Comprehensive Specialized Hospital, Northwest Ethiopia

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