पतंजलि अर्शकल्प वटी के फायदे, उपयोग और नुकसान | Patanjali Arshkalp Vati Benefits in Hindi| अर्शकल्प वटी

बवासीर आजकल युवाओं और बुजुर्गों में काफी तेजी से फैलता हुआ रोग है। आजकल की दिनचर्या और कामकाज के बोझ के कारण लोग अपने खान–पान का ध्यान नहीं रख पाते हैं‚ जिसके कारण उन्‍हें कब्‍ज हो जाती है। ज्‍यादा लम्‍बे समय तक कब्‍ज बने रहने के कारण लोगों को बवासीर की समस्‍या होने लगती है। पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी (Patanjali Divya Arshkalp Vati) बवासीर (Piles), भगंदर और फिशर रोग में होने वाली समस्याओं से राहत दिलाने वाली एक अच्‍छी दवा है‚ जो पतंजलि स्‍टोर पर आसानी से मिल जाती है। बवासीर के रोग के इलाज के लिये रोगी पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी (Patanjali Divya Arshkalp Vati) का प्रयोग करते है। चलिए इस लेख के माध्यम से आपको विस्‍तार से बताते हैं, कि पतंजलि अर्शकल्प वटी के फायदे, उपयोग और नुकसान (Patanjali Arshkalp Vati Benefits in Hindi) क्या हैं और इसे उपयोग कराने का तरीका क्‍या है। पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी (Patanjali Divya Arshkalp Vati) के बारे में जानने से पहले बवासीर रोग के बारे में जानना भी बहुत आवश्यक है। इसलिये पहले बवासीर के बारे में जानते हैं –

बवासीर (Piles) क्या हैॽ

बवासीर (Piles) से दुनियाभर में अनेक लोग पीड़ित हैं, बवासीर गुदा से जुड़ी एक बीमारी है, इस रोग में गुदा नलिका के अंदर की नसों की शिराओं में सूजन आ जाती है। सूजन आने की वजह से गुदा नलिका के भीतर या बाहर किसी स्थान पर मस्से बन जाते है, जो कभी अन्दर की ओर तो कभी बाहर की ओर आ जाते हैं। इस बीमारी का इलाज जल्द से जल्द करना चाहिए। अगर इसका इलाज सही समय पर नही किया जाए तो तकलीफ बहुत बड़ जाती है। बवासीर का रोग यदि ज्‍यादा पुराना हो जाए तो यह भगन्दर या फिस्टुला का रूप ले लेता है।

बवासीर के प्रकार

आमतौर पर बवासीर को दो नामों से पुकारा जाता है–

खूनी बवासीर- इस रोग में रोगी की एनल कैनाल में मस्‍से होते हैं। कब्‍ज की शिकायत होने पर जब रोगी का मल कठोर हो जाता है तो वही कठोर मल मस्‍सों से रगड़ कर बाहर आता है‚ जिस कारण मस्‍से कट–फट जाते हैं और मल त्‍याग करते समय या बाद में खून आने लगता है। शुरूआत में तो ये मस्‍से गुदाद्‍वार के अन्‍दर रहते हैं लेकिन ज्‍यादा पुरानी बवासीर हो जाने पर ये मस्‍से धीरे–धीरे गुदाद्‍वार के बाहर भी आने लगते है।

बादी बवासीर- इस बवासीर में भी एनल कैनॉल के अन्‍दर मस्‍से होते हैं। बादी बवासीर में मरीज को गुदा क्षेत्र के आसपास तेज दर्द‚ जलन‚ सूजन और खुजली होती है। जब बादी बवासीर ज्‍यादा पुरानी हो जाती है जो मस्‍से बड़े होकर गुदाद्‍वार के बाहर भी आने लगते है। इस बवासीर में भी कभी– कभी कठोर मल के कारण खून आने लगता है।

पतंजलि अर्शकल्प वटी के फायदे, उपयोग और नुकसान (Patanjali Arshkalp Vati Benefits in Hindi)

आइये अब जानते है कि पतंजलि अर्शकल्प वटी के फायदे, उपयोग और नुकसान क्‍या हैं –

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी क्या हैॽ

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी एक आयुर्वेदिक दवा है, जिसका निर्माण आयुर्वेद द्वारा हुआ है। इसका प्रयोग पाइल्स (बवासीर) और फिस्टुला (भगंदर) जैसे रोग दूर करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग करने से पाचन क्रिया अच्छी रहती है।
पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी को बनाने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली जड़ी-बूटियां।

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी को बनाने के लिए ऐसी जड़ी-बूटियों को उपयोग में लाया गया है जिनका उपयोग करने से पाइल्स रोग में होने वाली समस्याए दूर होती हैं। इस आयुर्वेदिक दवा को बनाने के लिए अनेक औषधियों को प्रयोग किया जाता है, जैसे–

  • छोटी हरड़ (Terminalia chebula)
  • रसौत शुद्ध (Berberis aristata)
  • बकायन (Melia azedarach)
  • निमोली (Azadirachta indica)
  • रीठा (Sapindus mukorossi)
  • देसी कपूर ( Cinnamomum camphors)
  • खूनखराबा (Daemonorops draco)
  • मकोय (Solanum nihrum)
  • धृतकुमारी (Aloe Barbadensis)
  • नागदोन (Artemisia nulgaris)

पतंजलि अर्शकल्प वटी के फायदे (Patanjali Arshkalp Vati Benefits in Hindi)

पतंजलि अर्शकल्प वटी (Patanjali Divya Arshkalp Vati) के उपयोग से बवासीर और फिस्टुला की समस्या तो दूर होती ही है, इसके साथ-साथ पेट में बनने वाली गैस, पेट फूलना, कब्ज इत्यादि समस्याए भी दूर होती हैं। आइये पतंजलि अर्शकल्प वटी के फायदों (Patanjali Arshkalp Vati Benefits)के बारे में इस लेख में विस्तार से जानते है।

कब्ज में लाभदायक पतंजली अर्शकल्प वटी

खानपान सही न होना और जीवन शैली का बिगड़ा हुआ होने से, पर्याप्‍त नींद न लेने के कारण और ज्‍यादा मसालेदार और तैलीय भोजन करने के कारण कब्‍ज‚ अपच और एसीडिटी की शिकायत हो जाती है। इस समस्‍याओं को दूर करने के लिए रोगी अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati)का उपयोग कर सकते हैं, इसका उपयोग करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज की समस्या ठीक करने में काफी आराम होती है।

बवासीर के दर्द और जलन में लाभदायक पतंजलि अर्शकल्प वटी

बवासीर में एनल कैनॉल के अन्‍दर मस्‍से बन जाते हैं‚ जिसके कारण गुदा के अंदर, बाहर और मलाशय के निचले भाग में सूजन आ जाती है‚ जिससे रोगी को अक्सर तेज दर्द‚ जलन और खुजली जैसी समस्या होने लगती है। इस समस्या को दूर करने के लिए आप पतंजलि अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati) का उपयोग कर सकते हैं।

बवासीर के मस्‍सों में पतंजलि अर्शकल्प वटी से लाभ

अगर किसी को अधिक समय से कब्ज की समस्या है, तो यह आगे चलकर पाइल्स (बवासीर) का कारण बन सकती है, महिलाओं में डिलीवरी के बाद यह रोग ज्यादातर देखा जाता है। बवासीर जैसे दर्दनाक रोग से कई लोग पीड़ित हैं। बवासीर के रोग से आराम पाने के लिए आप पतंजलि अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati) का सेवन कर सकते हैं। यह कब्ज को ठीक कर सकती है और दर्द‚ जलन और खुजली में आराम दिलाती है। इससे बवासीर में आराम तो मिलता है लेकिन बवासीर के मस्‍सों को सुखाने में यह कारगर नहीं है।

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भगंदर (फिस्टुला) में पतंजलि अर्शकल्प वटी का उपयोग

भगंदर एक गंभीर रोग है, इसे घरेलू नुस्खों की मदद से ठीक करना नामुमकिन है। भगंदर के रोग में मलत्याग के समय बवासीर से कई ज्यादा गुना दर्द होता है। भगंदर को ठीक करने के लिए ज्यादातर मामलों में सर्जरी का उपयोग किया जाता है। पतंजलि अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati)के उपयोग से भगंदर में होने वाले भयानक दर्द और जलन में लाभ मिलता है। इस आयुर्वेदिक दवा के सेवन के साथ-साथ खानपान पर ध्यान दें।

गैस और अपच पतंजलि अर्शकल्प वटी का उपयोग

यदि आप पेट फूलने और पेट में बनने वाली गैस की समस्या से परेशान हैं तो आप पतंजलि अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati) के उपयोग से लाभ पा सकते हैं। इसके उपयोग से पाचन तंत्र मजबूत होता है और यह लैक्सेटिव का काम भी करता है। इस आयुर्वेदिक दवा का नियमानुसार सेवन करने से पेट से जुडे़ कई रोगों में लाभ मिलता है, जैसे पेट का फूलना, पेट में गैस का बनना, अपच इत्यादि।

पतंजलि अर्शकल्प वटी की सेवन विधि

पतंजलि पतंजलि अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati) की एक डिब्‍बी में 40 टेबलेट होती है। पतंजलि अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati) का सेवन करने की सलाह रात में भोजन करने के बाद दी जाती है। इसका उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से वबासीर की जांच करवाएं और डॉक्टर द्वारा बताई गई खुराक के अनुसार पतंजलि अर्शकल्प वटी का सेवन करना ज्यादा बेहतर होगा।

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पतंजलि अर्शकल्प वटी के साइड इफेक्ट

ध्यान रहे कि पतंजलि अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati) का उपयोग जरूरत से ज्यादा मात्रा में न करें। डॉक्टर द्वारा बताई गई मात्रा का सेवन करने से पतंजलि अर्शकल्प वटी के उपयोग से कोई साइड इफेस्ट नहीं होता है।

Manufacturer/Marketer – Patanjali Ayurved Limited

SALT Composition– छोटी हरड़ (Terminalia chebula,रसौत शुद्ध (Berberis aristata,बकायन (Melia azedarach),निमोली (Azadirachta indica),रीठा (Sapindus mukorossi, देसी कपूर ( Cinnamomum camphors),खूनखराबा (Daemonorops draco),मकोय (Solanum nihrum),धृतकुमारी (Aloe Barbadensis),नागदोन (Artemisia nulgaris)

लोगों द्वारा पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

पतंजलि अर्शकल्प वटी किस प्रकार से काम करती है ॽ

पतंजलि अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati) बवासीर के मुख्य कारण कब्ज को दूर करके और बवासीर के लक्षणों को कम करके पाइल्स को दूर करने मे मदद करती है।

दिव्य अर्शकल्प वटी की तासीर क्या होती है ॽ

पतंजलि अर्शकल्प वटी में एक से ज्यादा इंग्रेडिएंट्स पाए जाते है और प्रत्येक इंग्रेडिएंट्स की तासीर अलग-अलग होती है। इसलिए इस आयुर्वेदिक औषधि की तासीर बता पाना कठिन है।

क्या पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati) का सेवन रोज किया जा सकता है ॽ

पतंजलि अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati) का सेवन बवासीर के रोग दूर करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग डॉक्टर के अनुसार करना चाहिए। इसका उपयोग रोज किया जा सकता है, और रोग में लाभ मिलने पर डॉक्टर से पूछं कर इसका सेवन बंद कर सकते हैं।

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी क्या है ॽ

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati) एक आयुर्वेदिक दवा है, जिसे आयुर्वेद द्वारा बनाया गया है। इसका उपयोग पाइल्स (बवासीर) और फिस्टुला (भगंदर) जैसे रोग दूर करने के लिए किया जाता है।

क्या गर्भवती महिलाओं को अर्शकल्प वटी का सेवन करना चाहिए ॽ

गर्भवती महिलाओं को अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati)का सेवन करने से डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

क्या अर्शकल्प वटी का उपयोग कब्ज को दूर करने के लिए किया जा सकता है ॽ

जी हां, अर्शकल्प वटी (Arshkalp Vati) का उपयोग कब्ज कि समस्या को दूर करने में किया जाता है।

निष्कर्ष

इस लेख को पढ़कर आपने पतंजलि अर्शकल्प वटी के फायदे, उपयोग और नुकसान (Patanjali Arshkalp Vati Benefits in Hindi) के बारे में जाना होगा। Patanjali Divya Arshkalp Vati के उपयोग से बवासीर के दर्द और जलन में लाभ तो मिलता है परन्‍तु यह बवासीर के मस्‍सों को सुखा कर समाप्‍त नहीं करती है। ज्‍यादातर मरीजों को इसके प्रयोग करने से आंशिक लाभ तो मिल जाता है लेकिन कुछ समय बाद बवासीर फिर से परेशान करने लगती है। बवासीर (Piles) में एनल कैनॉल के अन्‍दर मस्‍से हो जाते है‚ जिनको सुखाने के लिये बाजार में कई आयुर्वेदिक दवायें उपलब्‍ध है जो काफी अच्‍छा रिजल्‍ट देती हैं। इसलिये बवासीर के रोगी को ऐसी दवाओं का प्रयोग करना चाहिये जो मस्‍सों को सुखा कर हमेशा के लिये खत्‍म कर सके। एक बार जब मस्‍से सूख जाते हैं तो बवासीर ठीक हो जाती है।

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