धागे से बवासीर का इलाज – क्षार सूत्र विधि (Piles Treatment with Thread ) 2023

धागे से बवासीर का इलाज : को क्षार सूत्र विधि या पैरा-सर्जिकल प्रक्रिया के नाम से भी जाना जाता है। इसका प्रयोग पुराने समय से होता चला आ रहा है, इस विधि के बारे में सुश्रुत और चरक ने आयुर्वेदिक किताबों मे लिखा है। इस विधि से बवासीर के इलाज को आयुर्वेदिक उपचार कहा गया है। इस विधि की लोकप्रियता अधिक बढ़ने के कारण इसका उपयोग विदेशों के गुदा रोग एक्सपर्ट भी करने लगे हैं। चलिए धागे से बवासीर का इलाज (Piles treatment with thread )करने से पहले जान ले बवासीर होती क्या है।

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बवासीर (पाइल्स) क्या है (What is Piles disease) 

बवासीर एक बीमारी है, जिसमें (Anus) गुदा के अन्दर, बाहर और मलाशय के निचले भाग में सूजन आ जाती है, जिसके कारण Anus के अन्दर या बाहर Wart मस्सा बन जाता हैं, जिसके कारण मल त्याग के समय तेज दर्द होता है और कभी़-कभी रक्त भी आने लगता है। बवासीर के लक्षणों को सही समय पर पहचान कर इस रोग का उपचार करवाना बहुत आवश्यक है। यदि सही समय पर इसका इलाज न करवाया जाए तो यह पहले से ज्यादा दर्दनाक हो जाती है।

बवासीर रोग के लक्षण (Symptoms of Hemorrhoids)

बवासीर रोग के लक्षण जैसे गुदाद्वार के आस–पास खुजली, जलन, सूजन और दर्द का होना, मल त्याग के समय खून आना, शौच के बाद भी पेट का साफ न होने का आभास होना और बार–बार मल त्याग करने की इच्छा होना इत्यादि लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द किसी डॉक्टर से इस रोग का इलाज करवाना चाहिए।

क्षार सूत्र विधि क्या है। (What is kshar sutra treatment)

धागे से बवासीर का इलाज (Piles treatment with thread ) करने की प्रक्रिया को ही क्षार सूत्र विधि बवासीर के रोग को दूर करने की पैरा-सर्जिकल प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में एक धागे का उपयोग किया जाता है। इस धागे को बनाने के लिए अनेक औषधियों और जड़ी–बूटियों को उपयोग में लाया जाता है, इस विधि में औषधियों का उपयोग करके धागे को मजबूत बनाया जाता है, जिससे यह आसानी से बवासीर के मस्सों को काट सके।

इस प्रक्रिया में सर्जिकल उपकरणों को उपयोग में नहीं लाया जाता है। इस सम्पूर्ण प्रोसेस में कम से कम एक से दो महीने का समया लग जाता है, लेकिन रोग का निदान बहुत उत्तम होता है। धागे से बवासीर का इलाज (Piles treatment with thread ) करने की प्रक्रिया काफी सुलभ और सही है।

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क्षार सूत्र (Kshar sutra) को तैयार करने की विधि।

क्षर सूत्र विधि में सबसे पहले धागे को तैयार किया जाता है। इसमें हमेशा Linen (सनी) से बना साइज 20 के सर्जिकल थ्रेड का प्रयोग होता है। धागे पर तीन जड़ी-बूटियों का लेप लगाया जाता है, जो इस प्रकार हैं।

1. Euphorbia neriifolia (स्नुही लेटेक्स) 

2. Achyranthes Aspera (चिरचिरा या अपामार्ग) 

3. turmeric Powder (हरिद्रा पाउडर)

सर्वप्रथम स्नूही लेटेक्स को सूत्र (धागा) पर लेपित किया जाता हैए इसके बाद हैंगर की सहायता से क्षार सूत्र को कैबिनेट पर रखा जाता है, यह एक विशेष प्रकार का कैबिनेट है, जो अल्ट्रावोइलेट लैंप से सजा होता है। इसलिए धागे (सूत्र) को कोई सूक्ष्मजीव या बैक्टीरिया प्रभावित नहीं कर पाते हैं। सूत्र के सूखने पर कोंटिग प्रक्रिया को फिर से किया जाता है।

इसी प्रकार स्नूही लेटेक्स के साथ इस प्रक्रिया को ग्यारह बार किया जाता है। ग्यारह बार लेप करने के बाद बारहवीं बार स्नूही लेटेक्स और अपामार्ग क्षार से कोटिंग होती है। पहले उसी धागे को स्नूही लेटेक्स से गीला किया जाता है, उसके बाद अपामार्ग क्षार के ढेर से धीरे–धीरे निकाला जाता है, उसके बाद यह देखा जाता है कि अपामार्ग क्षार धागे पर अच्छे से लगा है या नहीं, अगर अपामार्ग क्षार सूत्र पर अवश्यकता से अधिक मात्रा में लग गया है, तो सूत्र को धीरे से हिलाकर ज्यादा मात्रा को निकाल दिया जाता है। इसी प्रकार अपामार्ग क्षार की कोटिंग की प्रक्रिया को कुल सात बार किया जाता है।

धागे पर उन्नीसवां लेप लगाने के लिए इसे इसे स्नूही लेटेक्स से भिगोया जाता है। गीला हो जाने के बाद इसे हरिद्रा के पाउडर के ढेर से निकाला जाता है। हल्दी के साथ इस प्रक्रिया को दो बार और करते हैं। इस प्रकार सूत्र (धागा) पर कुल इक्कीस बार इन जड़ी–बूटियों का लेप किया जाता है। एक लेप के पूरा हो जाने पर धागे के सूखने की प्रतीक्षा की जाती है, उसके बाद दूसरा लेप किया जाता है। यह एक बहुत लंबी प्रक्रिया होती है। धागे को तैयार होने में लगभग एक महीने का समय लगता है।

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धागे से बवासीर का इलाज करने की प्रक्रिया (Treatment of Piles with Thread )

बवासीर के रोग में गुदा में मस्सें बन जाते है, इन मस्सों को हटाने के लिए क्षार सूत्र प्रक्रिया यानि कि धागे से बवासीर का इलाज (Treatment of Piles with Thread ) का उपयोग कर सकते हैं, इस प्रक्रिया में मस्सों को आधार से धागे (सूत्र) से बांध दिया जाता है।

क्षार सूत्र के कारण हो रही जलन को कम करने के लिए यश्टिमधु तेल में डूबा हुआ पैक मलाशय के भीतर रख दिया जाता है। धागा बंधने से मस्सों में खून का प्रवाह रुक जाता है। खून की कमी हो जाने ने के कारण धीरे–धीरे मस्से सूखने लगते हैं, और फिर सात से दस दिन में ही मस्से सूख कर गिर जाते हैं। मस्सों के गिर जाने के बाद घाव को सूखने में दस से पन्द्रह दिनों का समय लग जाता है। इसके बाद रोगी पूरी तरह ठीक हो जाता है।

ज्यादातर इस प्रक्रिया के लिए लोकल एनेस्थीसिया का उपयोग किया जाता है। इसके अलवा कभी–कभी जनरल या स्पाइनल एनेस्थीसिया का भी प्रयोग किया जाता है। क्षार सूत्र की प्रक्रिया के समय इस्फिंकटर मांसपेशियों में चोट नहीं लगती है, जिससे मल असंयमिता या गंभीर जटिलता जैसी समस्या पैदा नहीं होती है।

क्षार सूत्र प्रक्रिया अर्थात् धागे से बवासीर का इलाज (Piles treatment with thread ) बहुत ही सुरक्षित है। इस विधि का उपयोग बवासीर के अलावा भगंदर और गुदा विदर (Anal Fissure) को ठीक करने के लिए कर सकते हैं। (1)

निष्कर्ष – इस लेख के माध्यम बताया गया कि बवासीर या पाइल्स क्या होती है, और इसके लक्षण कैसे दिखते है। इसके इलावा धागे से बवासीर का इलाज कैसे किया जाता (Treatment of Piles with Thread ) है और इस रोग के उपचार के लिए धागे को कैसे तैयार किया जाता है। इस विधि से इलाज कराने के लिये किसी योग्य डॉक्टर का चयन किया किया जाना चाहिये। (2)

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लोगो द्वारा पूंछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर

क्षार सूत्र के इलाज में कितना समय सकता है ?

इसके इलाज का समय बवासीर की जटिलता पर निर्भर करता है, यदि बवासीर कम गंभीर है तो इसे ठीक करने में एक महीने का समय लगता है।

क्या धागे से बवासीर का इलाज करने के बाद बवासीर दोबारा हो सकता है ?

धागे से बवासीर का इलाज करने के बाद दोबारा यह समस्या होने सम्भावना बहुत कम हो होती है। क्षार सूत्र प्रक्रिया बहुत सुरक्षित होती है।

धागे से बवासीर के उपचार के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है ?

इसके उपचार के बाद पूरी तरह ठीक होने में लगभग एक से डेढ महीने का समय लग सकता हैए यदि रोगी में चिकित्सक द्वारा दी गयी सलाह पूरी तरह मानी हो तो थोड़ा जल्दी ठीक होने की सम्भावना है।

क्या क्षार सूत्र विधि द्वारा चौथे ग्रेड की बवासीर को ठीक किया जा सकता है ?

क्षार सूत्र विधि द्वारा चौथे ग्रेड की बवासीर को ठीक किया जा सकता है, इसके साथ–साथ दूसरे और तीसरे ग्रेड की बवासीर को भी ठीक किया जा सकता है।

धागे से बवासीर के इलाज के बाद हम कितनी जल्दी सामान्य कार्य करना शुरू कर सकते हैं ?

धागे से बवासीर के इलाज के अगले दिन से हम सामान्य काम करना शुरू कर सकते है, लेकिन कुछ बातो को ध्यान में रखकर, जैसे अधिक समय तक खड़े न रहें, अधिक दूर तक ड्राइविंग और यात्रा नहीं करनी चाहिए इसके साथ–साथ डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी होता है।

क्या गर्भवती महिलाओं को क्षार सूत्र उपचार कराना चहिए ?

जी नहीं, गर्भवती महिलाओं को क्षार सूत्र उपचार कराने की सलाह नही दी जाती है। इसके अलावा हेपेटाइटिस, मलाशय में कार्सिनोमा और लेप्रोसी के रोगी को भी क्षार सूत्र उपचार करने की सलाह नहीं दी जाती है।

क्षार सूत्र प्रक्रिया क्या है ?

क्षार सूत्र प्रक्रिया आयुर्वेदिक पैरा सर्जिकल प्रक्रिया है, इस प्रक्रिया में धागे से बवासीर का उपचार किया जाता हैए इसमें जड़ी–बूटियों की सहायता से धागे को तैयार किया जाता है।

क्या क्षार सूत्र प्रक्रिया सुरक्षित है ?

जी हां, क्षार सूत्र प्रक्रिया बहुत सुरक्षित होती है। इस विधि का उपयोग बवासीर के अलावा भगंदर और गुदा विदर को ठीक करने के लिए कर सकते हैं।

धागे से बवासीर का इलाज करने की प्रक्रिया क्या है ?

डॉक्टर के अनुसार बवासीर में मस्से बन जाते है, इन मस्सों को हटाने के लिए आधार से मस्सों को धागे से बांध दिया जाता है, जिससे इनमें रक्त बहना रुक जाता है, जिसके कारण मस्से सूखने लगते हैं और वह सात से दस दिनों में मस्से सूखकर गिर जाते हैं। इसके बाद रोगी पूरी तरह ठीक हो जाता है।

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